Wednesday, December 6, 2023

लखनऊ : जी. बी. पन्त पालीटेक्निक में अंग्रेजी की राजपत्रित प्रवक्ता का अंग्रेजी ज्ञान निल बटा सन्नाटा !

 


 


लखनऊ / बुधवार,06 दिसम्बर 2023.......................

 

                                                                                                                                       

यूपी की राजधानी लखनऊ की मोहान रोड स्थित जी. बी. पन्त पालीटेक्निक में अंग्रेजी के राजपत्रित प्रवक्ता पद पर काम कर रही श्रद्धा सक्सेना पर उनके विषय अंग्रेजी का ही ज्ञान नहीं होने का गंभीर आरोप लग रहा है. लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी समाजसेविका और पूर्व में भारतीय जनता पार्टी  उत्तर प्रदेश के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप प्रभारी रह चुकीं उर्वशी शर्मा ने श्रद्धा द्वारा बीते 05 दिसम्बर को संस्था के प्रधानाचार्य को संबोधित हस्तलिखित छुट्टी के प्रार्थना पत्र की त्रुटियों के आधार पर इस प्रवक्ता पर यह गंभीर आरोप लगाया है और सूबे के सीएम योगी समेत तमाम अधिकारियों को शिकायत भेजकर श्रद्धा को राज्य सरकार के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के शासनादेशों और नियमों के तहत सरकारी सेवा से बाहर करने की कार्यवाही आरम्भ कर शीघ्रातिशीघ्र अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान करने की मांग कर डाली है.

 

 

बताते चलें कि यह पालीटेक्निक सूबे का एकमात्र ऐसा पालीटेक्निक है जो समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित है. सूबे के बाकी सभी पालीटेक्निक प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हैं. जी. बी. पन्त पालीटेक्निक बहुतायत अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों  के शिक्षण के लिए आरक्षित हैं.

 

 

 

उर्वशी बताती हैं कि छुट्टी के प्रार्थना पत्र जैसा साधारण पत्र भी सही और शुद्धता से लिख पाने में नितांत अक्षम प्रवक्ता अंग्रेजी श्रद्धा सक्सेना को उनकी इस मानसिक अक्षमता के चलते ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर सेवा से बाहर करने के लिए उन्होंने देश हित,समाज हित,लोक हित तथा सरकार हित में मांग उठाई है.

 

 

उर्वशी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि अंग्रेजी भाषा और अंग्रेजी व्याकरण की अत्यधिक मोटी-मोटी और अत्यधिक गंभीर त्रुटियाँ वाले श्रद्धा के पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है  कि कतिपय कारणों से श्रद्धा अंग्रेजी भाषा और व्याकरण को पूरी तरह से भूल चुकी हैं और वर्तमान में इस विषय के शिक्षण के लिए मानसिक रूप से नितांत अक्षम हो गई हैं और यह भी कि श्रद्धा के प्रश्नगत प्रार्थना पत्र से अच्छा, सही तथा शुद्ध प्रार्थना पत्र तो आज का पांचवीं कक्षा का विद्यार्थी ही लिख लेता है.

 

 

उर्वशी का कहना है कि मानसिक रूप से नितांत अक्षम श्रीमती श्रद्धा द्वारा छात्रों को जिस प्रकार का ज्ञान दिया जा रहा होगा उसकी तो सिर्फ कल्पना मात्र ही की जा सकती है और यह भी कि यदि देश के नौनिहाल श्रद्धा जैसे मानसिक रूप से अक्षम  अध्यापक से शिक्षा ग्रहण करेंगे तो भाषा और व्याकरण के क्षेत्र में अज्ञानी रह जाने के कारण उनका भविष्य संवरने के स्थान पर बिगड़ना अवश्संभावी है और ऐसा होने देना न तो  देश हित में है, न समाज हित में है,न ही लोक हित में है तथा न ही सरकार हित में है.

 

 

उर्वशी को उम्मीद है कि कड़क प्रशासन के लिए विश्व में यूपी की अलग पहचान बनाने वाले सीएम योगी राजकोष पर गंभीर बोझ बन चुकी और गलत शिक्षण से छात्रों का निरंतर नुकसान कर रही श्रद्धा के खिलाफ  शीघ्र ही वृहद लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की राज्य सरकार की पालिसी के तहत कार्यवाही करायेंगे.

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