लखनऊ / रविवार, 16 जुलाई 2023 ......................
यूपी की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में हुए होटल लेवाना अग्निकांड की यादें अभी प्रदेशवासियों के मन-मस्तिष्क में ताज़ा हैं. मामला इतना गंभीर था कि लेवाना सूइट्स अग्निकांड हादसे के तुरंत बाद सूबे के प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा पूंछे जाने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एल.डी.ए. ) ने शहर में 140 अवैध होटल होने की बात गोकर्ण को बताई थी जिस पर शासन ने एल.डी.ए. से इन 140 अवैध होटलों की सूची तलब कर ली थी लेकिन लगता है कि साल भीतर ही अवैध निर्माणों को संरक्षण देने वाले एल.डी.ए. और शासन में बैठे अधिकारी फुर्ती से अपने पुराने ढर्रे पर लौट आये है और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही के लिए खोली गई फाइलों को ठन्डे बस्ते में डालकर अपनी-अपनी भ्रष्टाचार की रोटियां सेंकने में लग गए हैं.
दरअसल भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यूपी में योगी आदित्यनाथ की अगुआई में चल रही बीजेपी सरकार ने अवैध अवैध निर्माणों की सूचनाएं विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद की वेबसाइटों पर सार्वजनिक करने की एसओपी बनाई हुई है लेकिन कुछ विकास प्राधिकरणों को छोड़कर अन्य बहुतायत प्राधिकरण और आवास विकास परिषद अवैध निर्माणों की सूचियाँ अपनी वेबसाइटों पर सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं जिसकी मुख्य बजह यह है कि प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के भ्रष्ट अधिकारी अवैध निर्माणकर्ताओं को कार्यवाहियों का भय दिखाकर इनसे घूस खाकर अवैध निर्माणों को संरक्षण दिए रहते हैं. अवैध निर्माणों की सूचियाँ वेबसाइटों पर सार्वजनिक होने के बाद ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की ऊपरी कमाई बंद हो जायेगी और यही कारण है कि बहुतायत प्राधिकरण और आवास विकास परिषद अवैध निर्माणों की सूचियाँ अपनी वेबसाइटों पर तो सार्वजनिक नहीं ही कर रहे हैं साथ ही आरटीआई में अवैध निर्माणों की सूचनाएं मांगे जाने पर बे सिर पैर के बहाने बनाकर अवैध निर्माणों की सूचनाएं सार्वजनिक करने से खुलेआम मना कर रहे हैं.
ताज़ा मामला लखनऊ का है जहाँ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी समाजसेविका,आरटीआई एक्टिविस्ट और पूर्व में भाजपा के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप-प्रभारी रह चुकीं उर्वशी शर्मा ने लेवाना काण्ड के बाद बीते साल के अक्टूबर माह में एलडीए के जोन-वार बनाई गई अवैध निर्माणों में चल रहे होटलों के नामों और पतों की सूची, एलडीए द्वारा जोन-वार बनाई गई अवैध निर्माणों में चल रहे हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स के नामों और पतों की सूची, एलडीए द्वारा जोन-वार बनाई गई अवैध निर्माणों में चल रहे शौपिंग कॉम्प्लेक्सों के नामों और पतों की सूची, एलडीए द्वारा जोन-वार बनाई गई अवैध निर्माणों में चल रहे अपार्टमेंट्स के नामों और पतों की सूची और एलडीए द्वारा शासन को भेजी गई 140 अवैध होटलों की सूची की मांग करते हुए 5 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी.
उर्वशी की आरटीआई पर एलडीए के उप सचिव अतुल कृष्णा और रेखा दोहरे ने बीती 13 जुलाई को आरटीआई ऑनलाइन की वेबसाइट पर आरटीआई एक्ट की धारा 8 (1) (a) की बात कहते हुए उर्वशी को लिखकर दिया है कि अवैध निर्माणों की सूचनाओं के प्रगटन से भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से सम्बन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होगा.
जनसूचना अधिकारियों के उत्तर से हतप्रभ उर्वशी का कहना है कि अवैध निर्माणों की सूचनाएं सार्वजनिक करने से मना करने के लिए भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से सम्बन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होने जैसी बे सिर पैर की बात कहकर एलडीए के अधिकारीयों ने देश और सूबे की सरकारों की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है और इसीलिए वे इस मामले में अपील दायर करने के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री से सरकारों की अवैध निर्माण विरोधी नीतियों का पारदर्शिता के साथ क्रियान्वयन कराने के लिए अवैध निर्माणों की सूचनाएं प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों की वेबसाइटों पर पब्लिक डोमेन में प्रदर्शित कराने की मांग भी कर रही हैं.
नोट : सम्बंधित रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में वेबलिंक https://upcpri.blogspot.com/2023/07/blog-post_16.html पर निःशुल्क प्रयोग एवं प्रसार हेतु उपलब्ध है. |
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