लखनऊ/22 जुलाई 2016.................
बहुजन समाज पार्टी के नेताओं द्वारा
बीते कल राजधानी लखनऊ के जीपीओ हजरतगंज चौराहे स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के पास दिए गए
धरने में बीजेपी के पूर्व नेता दया शंकर सिंह और सिंह के परिवार की महिलाओं की शालीनता भंग करने वाले अपशब्दों के सार्वजनिक प्रयोग का मामला भी अब तूल पकड़ता जा रहा है l सूबे की राजधानी लखनऊ की एक प्रतिष्ठित
समाजसेविका ने उत्तर
प्रदेश के ए.डी.जी. – कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी को कार्यक्रम
की वीडियो क्लिप्स
भेजते हुए इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने की
मांग की है l
लखनऊ
निवासी समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने बताया कि बीते कल को हजरतगंज चौराहे के पास राजनैतिक दल
बहुजन समाज पार्टी द्वारा आयोजित धरने प्रदर्शन में लखनऊ पुलिस और प्रशासन के
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पूर्व बी.जे.पी. नेता दया शंकर सिंह के परिवार की
महिलाओं की शालीनता को भंग करने वाले अपशब्दों का सार्वजनिक रूप से प्रयोग किया
गया और लखनऊ
पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के
स्थान पर मूक दर्शक बने रहे l यही
नहीं धरने प्रदर्शन के दौरान दया शंकर
सिंह के मानवाधिकारों का हनन करने वाले बैनर-पोस्टर भी इस्तेमाल किये गए और
पुलिस-प्रशासन चुपचाप खड़ा देखता रहा l
उर्वशी
के पत्र के अनुसार पूर्व सूचना होने पर भी लखनऊ के पुलिस और प्रशासन ने इस मामले
में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत समुचित कार्यवाही नहीं की है जिससे इस मामले में लखनऊ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की अक्षमता भी
सिद्ध हो रही है l
कार्यक्रम
की क्लिप्स संलग्न करते हुए उर्वशी ने दलजीत चौधरी से मांग की है कि वे महिलाओं की
शालीनता को भंग करने वाले शब्दों का सार्वजनिक प्रयोग करने के अपराध के सभी दोषियों और लखनऊ पुलिस और प्रशासन के मौके पर
मौजूद सभी वरिष्ठ
अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके द्वारा प्रेषित क्लिप्स और इस कार्यक्रम की जिला
प्रशासन द्वारा कराई गयी वीडियोग्राफी के आधार पर चिन्हित कर कार्यक्रम के आयोजकों, महिलाओं
की शालीनता को भंग करने वाले अपशब्दों का सार्वजनिक रूप से प्रयोग करने के अपराध
के दोषियों और लखनऊ पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और
कर्मचारियों के
खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही करायें l
उर्वशी ने अपने पत्र की प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,मानवाधिकार
आयोग,महिला
आयोग, यूपी
के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव, डी.जी.पी., लखनऊ के डी.एम. और एस.एस.पी. को भी भेजी है l
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