रविवार, 22 जनवरी 2023 …………………………..
यूपी के वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त ( सीआईसी ) भवेश कुमार सिंह ने सूबे की तेजतर्रार आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा समेत अन्य एक्टिविस्टों की मांग को मानते हुए राज्य सूचना आयोग में प्राप्त वाले पत्रों को दिए जाने वाले डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग की प्रणाली को शुरू कर दिया है.
उर्वशी बताती हैं कि आयोग के शुरूआती दिनों में मैगसेसे अवार्डी डा. संदीप पाण्डेय, मैगसेसे अवार्डी और वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, वर्तमान आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसौदिया, पूर्व डी.जी.पी. ईश्वर चन्द द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार अफजाल अंसारी जैसे वरिष्ठों के नेतृत्व में किये गए प्रयासों के बाद तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त एम. ए. खान द्वारा आयोग में दिए जाने वाले पत्रों को रजिस्टर में दर्ज कर प्राप्ति संख्या दिया जाना शुरू किया गया था. तब से आयोग की इस प्राप्ति संख्या के आधार पर कोई भी अपने पत्र को आयोग में मैन्युअली ट्रैक कर सकता था.
पूर्व में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप प्रभारी रह चुकीं उर्वशी बताती हैं कि कालांतर में पूर्व सीआईसी जावेद उस्मानी ने जनहितकारी व्यवस्था को बंद कर दिया था. जब आयोग के प्राप्ति पटल पर दिए गए पत्रों के गायब होने की घटनाएं बढ़ने लगीं तो राज्य सूचना आयोग में प्राप्त वाले पत्रों पर डायरी नंबर देने की व्यवस्था पुनः शुरू करने की मांग उनके द्वारा लगातार निरंतर उठाई गई जिसके बाद सीआईसी भवेश ने आयोग में प्राप्त सभी श्रेणी के पत्रों पर डायरी नंबर देने की व्यवस्था को कंप्यूटराइज्ड रूप में फिर से शुरू कर दिया गया था जिसमें डायरी नंबर की रसीद पर डायरी नंबर के साथ-साथ प्राप्तकर्ता के नाम,हस्ताक्षर,प्राप्ति के दिनांक,प्राप्ति का प्रकार,आवेदन का प्रकार,आवेदक का मोबाइल नंबर,पत्रांक संख्या,आवेदक का नाम,जिला जैसी प्रविष्टियाँ भी अंकित की जा रही थीं और इस प्राप्ति की सूचना आवेदक को तत्काल मोबाइल पर एस.एम.एस. से दी जा रही थी किन्तु यह व्यवस्था अधूरी थी क्योंकि डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी जिसके लिए उर्वशी ने पत्राचार कर मांग उठाई थी.
उर्वशी बताती हैं कि उन्होंने बीते 22 नवम्बर को सूचना आयोग में एक आरटीआई दायर करके डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग के सम्बन्ध में सूचना भी मांगी थी जिस पर आयोग के प्रशासनिक अधिकारी मुमताज़ अहमद ने आयोग के रजिस्ट्रार के निजी सचिव और आयोग के सीनियर प्रोग्रामर के हवाले से बीती 20 दिसम्बर को लिखकर दिया कि डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग के सम्बन्ध में सूचना आयोग ने कोई भी कार्यवाही नहीं की है.
उर्वशी ने बताया कि इस आरटीआई उत्तर से आहत हो उन्होंने भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमन्त्री के साथ साथ सूबे के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और मुख्य सूचना आयोग से फिर से पत्राचार कर डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली आरम्भ करने की मांग जोरदार ढंग से उठाते हुए इस विषय पर वृहद् जन आन्दोलन चलाने की बात कही जिसके बाद आयोग के आनन-फानन में एक्शन लेते हुए एक महीने के अन्दर ही डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली शुरू कर दी है.
आयोग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और जनोन्मुखी बनाने वाली डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली शुरू होने पर उर्वशी ने सूबे के सभी आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की तरफ से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया है.
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