लखनऊ / सोमवार, 09 जनवरी 2023 .........................
सरकारी कार्यालयों द्वारा सूचना कानून का पालन नहीं करने की वजह से सूचना पाने के लिए अपीलें और शिकायतें सूचना आयोग को भेजने को मजबूर आरटीआई आवेदकों को या तो सफर की परेशानियाँ और खासा खर्चा उठाकर यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सूचना आयोग आना पड़ता है अथवा डाक से भारी-भरकम खर्चा करके तीन-तीन प्रतियों में अपीलें और शिकायतें आयोग में दाखिल करनी पड़ती हैं. ऐसे आरटीआई आवेदकों को इस साल इन परेशानियों से निजात मिल सकती है.
राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा बीते साल के अगस्त महीने में उठाई गई माँग पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक सुधार अनुभाग – 2 के संयुक्त निदेशक और उप सचिव डॉ. शील अस्थाना ने बीते दिसम्बर महीने में उर्वशी के मांगपत्र को उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के सचिव को भेज दिया है.
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर केन्द्रीय सूचना आयोग की तर्ज पर RTI online वेबसाईट के माध्यम से आरटीआई एक्ट की धारा 19(3) की द्वितीय अपीलों और धारा 18(1) की शिकायतों को यूपी राज्य सूचना आयोग में ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था शुरू कराने की मांग की थी.
बकौल उर्वशी, वर्तमान में सूचना आयोग में द्वितीय अपीलों और शिकायतों को समस्त संलग्नकों सहित तीन प्रतियों में जमा कराने की व्यवस्था है जिसमें कागज़ का अत्यधिक प्रयोग होने के कारण यह व्यवस्था पर्यावरण को निरंतर क्षति पंहुचाने वाली है.यही नहीं, यह व्यवस्था राज्य सरकार की ‘पेपरलेस ऑफिस पालिसी’ के प्रतिकूल भी है.इस व्यवस्था के कारण अपीलार्थियों और शिकायतकर्ताओं को अपनी अपीलें और शिकायतें जमा करने को आयोग आना पड़ता है अथवा इन प्रपत्रों को डाक से भेजना पड़ता है जिसके कारण उन पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है.इस प्रकार वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रचलित व्यवस्था व्यापक रूप से लोकहित विरोधी है.
उर्वशी बताती हैं कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने मांग की थी कि केन्द्रीय सूचना आयोग की तर्ज पर यूपी में भी RTI online वेबसाईट के माध्यम से आरटीआई एक्ट की धारा 19(3) की द्वितीय अपीलों और धारा 18(1) की शिकायतों को यूपी राज्य सूचना आयोग में ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था प्रदेश सरकार की पर्यावरण संरक्षण व पेपरलेस ऑफिस पालिसी के तहत शीघ्रातिशीघ्र आरम्भ कराई जाए जिसके बाद डॉ. शील अस्थाना ने अब इस विषय पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के सचिव को पत्र लिखा है और उसकी प्रतिलिपि आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी को भेजी है.
उर्वशी ने बातचीत में बताया कि उनको उम्मीद है कि मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह शीघ्र ही इस मामले में निर्णय लेकर अपीलों और शिकायतों को आयोग में जमा कराने की ऑनलाइन व्यवस्था जल्द से जल्द शुरू करा देंगे.
No comments:
Post a Comment