लखनऊ/शुक्रवार, 12 अगस्त 22………………………..
उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ( UPPSC ) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) में विशेष सचिव के पद पर तैनात पीसीएस अधिकारी प्रभुनाथ के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है. राजधानी लखनऊ निवासी सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा बीते साल के नवम्बर महीने में भारत सरकार के पीजी पोर्टल पर की गई एक शिकायत का निस्तारण करते अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन ने इस बात की जानकारी बीते 10 अगस्त को उर्वशी को दी है. |
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सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने उर्वशी को बताया है कि अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा 2010 में की गई अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच में सी0बी0आई0 द्वारा लोक सेवा आयोग उ0प्र0 प्रयागराज के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ एवं सिस्टम एनालिस्ट, समीक्षा अधिकारी व अनुभाग अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया.तत्क्रम में सी0बी0आई0 द्वारा उक्त अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरूद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति मांगी गई थी.प्रभुनाथ के विरूद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति नियुक्ति विभाग द्वारा प्रदान की गई है. |
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उर्वशी बताती हैं कि मामला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की तरफ से हुई अपर निजी सचिव (APS) की परीक्षा की गड़बड़ियों के जुड़ा था जिसके सम्बन्ध में उन्होंने शिकायत की थी. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की तरफ से हुई अपर निजी सचिव (APS) की परीक्षा में हिंदी और शॉर्टहैंड में फेल होने वाले भी चयनित हो गए थे. इस भर्ती का विज्ञापन साल 2010 में निकाला गया था लेकिन परीक्षा का आखिरी परिणाम साल 2017 में जारी किया गया.परीक्षार्थियों ने धांधली का मुद्दा उठाया तो सरकार ने इसे CBI को हैंडओवर किया था.पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ के खिलाफ प्रतियोगियों ने अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगाए थे.
बकौल उर्वशी अब वे सूबे के मुखिया से मिलकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व परीक्षा नियंत्रक और वर्तमान में पीडीब्ल्यूडी विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात प्रभुनाथ को तत्काल निलंबित कर प्रभुनाथ के खिलाफ प्रशासनिक जांच भी आरम्भ कराने की मांग करेंगी.
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