मित्र,
आप भिज्ञ हैं कि महाराष्ट्र सरकार ने एक विवादास्पद फरमान जारी कर कहा है कि महाराष्ट्र
में अब किसी भी जनप्रतिनिधि की आलोचना या अपमान
करने पर देशद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता ( आईपीसी ) की धारा 124-ए के तहत कार्यवाही होगी l सरकारी सर्कुलर के मुताबिक सरकार और जनप्रतिनिधियों यानी
किसी मेयर, विधायक, सांसद की ऐसी आलोचना, जिससे हिंसा भड़कने की
आशंका हो तो देशद्रोह की
धाराएं लग सकती हैं l
हमारा मानना है कि महाराष्ट्र सरकार का यह सर्कुलर ‘अभिव्यक्ति की
आजादी’ के संवैधानिक मूल अधिकार को प्रतिबंधित करता है l हमारा कहना है कि यह लोकतान्त्रिक रूप से चुनी सभी सरकारों
का दायित्व है कि वे अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने की विरोधी और अभिव्यक्ति की आजादी की हिमायती
रहे और यह भी कि सरकारों और जनप्रतिनिधियों के कार्यों की गुण-दोष के आधार पर
निष्पक्ष आलोचना लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के प्रधान कारकों में से एक है और
लोकतंत्र की मजबूती के लिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए l
अतः आने बाले सोमवार दिनांक 14 सितम्बर 2015 को मैं उत्तर प्रदेश की राजधानी
लखनऊ के हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी पार्क में अपराह्न 3 बजे से 5
बजे तक अपने मुंह पर काली पट्टी/फीता बांधकर महाराष्ट्र सरकार के इस अलोकतांत्रिक कदम
का सांकेतिक रूप से विरोध करूंगी और यूपी के राज्यपाल के माध्यम से महाराष्ट्र
सरकार को ज्ञापन भेजकर इस अलोकतांत्रिक सर्कुलर को रद्द करने की मांग करूंगी l
मैं देशभर के लोकतान्त्रिक अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में कार्य करने बाले
समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों से अपील करती हूँ कि वे मेरे इस प्रयास को अपना
समर्थन दें और अपना विरोध दर्ज कराने के
लिए आने बाले सोमवार दिनांक 14 सितम्बर 2015 को अपराह्न 3 बजे उत्तर प्रदेश की
राजधानी लखनऊ के हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी पार्क पंहुचें l
सादर l
भवदीया
उर्वशी शर्मा
सामजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट
सचिव-येश्वर्याज सेवा संस्थान, लखनऊ
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