PRESS-RELEASE/लखनऊ/04 सितम्बर 2015/ लखनऊ
की चर्चित समाजसेविका,आरटीआई एक्टिविस्ट और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी
शर्मा ने आज उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण आई० ए० एस० सुनील कुमार के
ऊपर भ्रष्टाचार करने का संगीन आरोप लगाते हुए जांच हेतु एक शिकायत यूपी के
लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत की है l उर्वशी ने बयाता कि आरटीआई से और अन्य
स्रोतों से उनके हाथ ऐसे पुख्ता सबूत लगे हैं जो यह सिद्ध कर रहे हैं कि सुनील
कुमार कुछ मामलों में एक लोकसेवक के रूप में अपने कृत्यों का निर्वहन करने में
व्यक्तिगत हित अथवा अनुचित या भ्रष्ट उद्देश्य से प्रेरित थे l उर्वशी ने इन
मामलों को आधार बनाकर प्रमुख सचिव की शिकायत लोकायुक्त से की है l
उर्वशी ने लोकायुक्त से मांग की है कि सुनील कुमार के
अतिरिक्त उत्तर प्रदेश शासन के तत्कालीन उप सचिव समाज कल्याण राज कुमार त्रिवेदी,
उप सचिव समाज कल्याण आर. डी. कल्याण, तत्कालीन विशेष सचिव अनुश्रवण प्रकोष्ठ (
न्याय विभाग ), उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निदेशक के साथ साथ राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक लखनऊ के प्रधानाचार्य को समन करके इस शिकायत में उठाये गए भ्रष्टाचार के मामलों में इन
सब की भूमिका भी जांची जाए l
उर्वशी की शिकायत के अनुसार सुनील कुमार पर पहला आरोप यह है कि उन्होंने उत्तर
प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों के साथ मिल भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने पदीय
अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए प्रदेश सरकार के साथ छल किया और माननीय उच्च
न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक
आदेशों/तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या दस्तावेज बनाकर एक अपात्र व्यक्ति
को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमित कर उसे नियमित नियुक्ति प्रदान कर सरकार
को आर्थिक क्षति भी कारित की है l
उर्वशी द्वारा प्रमुख सचिव पर लगाए गए दूसरे
आरोप के अनुसार प्रमुख सचिव ने समाज
कल्याण विभाग में अवैध रूप से कार्यरत कार्मिकों को नियम प्रतिकूल प्रश्रय दे रखा
है और यह भी कि उनके द्वारा विभाग में सप्रमाण शिकायतें करने के बाबजूद विभाग द्वारा
इन अवैध नियुक्तियों को समाप्त करने के
लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है l उर्वशी ने यह भी आरोप लगाया है कि सुनील
कुमार ने विभाग के अनुसूचित जाति के छात्रों के मेस घोटाले के आरोपियों से दुरभिः-संधि
स्थापित करके उनको खुला संरक्षण दे रखा है और इसी बजह से शासन द्वारा इन
घोटालेबाजों के भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई जा रही है l
उर्वशी के तीसरे आरोप के अनुसार प्रमुख सचिव ने एक
जालसाज व्यक्ति को विभाग की 265 औधोगिक
एवं प्राविधिक संस्थाओं का सचिव नियुक्त करने
के लिए 04 अगस्त 2015 को समानता के संवैधानिक सिद्धांत को खूंटी पर टांग
दिया और इस जालसाज को लाभ पंहुचाने के लिए निहायत ही शातिराना ढंग से एक 05
सदस्यीय परीक्षा बोर्ड का गठन किया l
17 पेज के अपने अभिकथन शिकायत के समर्थन में
उर्वशी ने 32 संलग्नकों के 49 पेज भी सबूतों के तौर पर लोकायुक्त को सौंपे हैं l उर्वशी
ने लोकायुक्त से इस मामले की जांच करके लोकसेवक
सुनील कुमार के विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति करने एवं सुनील कुमार द्वारा भ्रष्टाचार
करके विधिविरुद्ध किये गए आदेश संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 और 2825/26-1-2015-1(नियम)/2015 लखनऊ दिनांक 04
अगस्त 2015 को रद्द करने की संस्तुति करने का अनुरोध किया है l
--- उर्वशी शर्मा, मोबाइल नम्बर 9369613513,8081898081,9455553838
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