लखनऊ/गुरूवार,08 दिसम्बर 2022……………….
जौनपुर निवासी दागी पूर्व आई.ए.एस. सदाकांत शुक्ला को लखनऊ स्थित हनुमान सेतु मंदिर में किसी भी व्यास गद्दी के आसपास भी नहीं फटकने देने तथा बाबा नीम करौरीजी महाराज आश्रम और श्री संकट मोचन हनुमानजी मंदिर ट्रस्ट जैसे पवित्र संस्थानों के पदों से निकाल फेंकने के लिए राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने मांग उठा दी है.
जोड़-तोड़ में माहिर रहे इस पूर्व आई.ए.एस. सदाकांत शुक्ल को सेवाकाल में भारत माता की पीठ में छुरा घोंपकर चीन सीमा के पास के एक संवेदनशील प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार द्वारा 200 करोड़ का घोटाला करने का आरोपी बताते हुए उर्वशी ने सदाकांत द्वारा लखनऊ स्थित हनुमान सेतु मंदिर के साथ-साथ बाबा नीम करौरीजी महाराज आश्रम और श्री संकट मोचन हनुमानजी मंदिर ट्रस्ट जैसे पवित्र संस्थानों में येन-केन-प्रकारेण प्रवेशित हो जाने को सदाकांत द्वारा अपने पूर्व के भ्रष्टाचारों के पापों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया है.
बकौल उर्वशी जो सदाकांत शुक्ल अपने अब तक के जीवन काल में अपनी प्रथम व्याहता पत्नी को न्याय नहीं दे पाए और जिन सदाकांत ने जीवन भर उस महिला को प्रताड़ना के अतिरिक्त कुछ नहीं दिया, उस सदाकांत को हिन्दू धर्म के प्रतीक अतिशय पवित्र धार्मिक संस्थानों पर काबिज रहने का तब तक कोई नैतिक अधिकार नहीं है जब तक सदाकांत अपने भ्रष्टाचार के आरोपों का प्रायश्चित करने के साथ-साथ अपनी प्रथम व्याहता पत्नी को हिन्दू धर्म की पुरातन मान्यताओं के अनुसार न्याय नहीं दे देते हैं.
बीते कल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के मौके पर लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर में आदि गुरु दत्तात्रेय की जयंती में सदाकांत द्वारा प्रतिभाग करने को उर्वशी ने सदाकांत का सस्ती लोकप्रियता पाकर लाइमलाइट में आने और फिर धर्म को आधार बनाकर उच्च राजनैतिक पद पा लेने का हथकंडा मात्र बताया है और सदाकांत से अपील की है कि वह धर्म का दुरुपयोग अपने निहित निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए न करें. उर्वशी ने सदाकांत पर सरकारी सेवा के दौरान सरकारी पद का खुला दुरुपयोग अपने निहित निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए करने का आरोप भी लगाया है.
उर्वशी ने कहा है उनके पास सदाकांत के खिलाफ प्रचुर मात्रा में प्रमाण हैं और उन्होंने इन सभी मुद्दों पर सदाकांत को उनकी पहली पत्नी से मीडिया के समक्ष इन-कैमरा सार्वजनिक बहस करने की खुली चुनौती भी दी है.
उर्वशी ने बताया कि वे हिन्दू धर्म के सभी प्रमुख धर्मगुरुओं के साथ-साथ भारत के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री को दागी सदाकांत के खिलाफ पत्र और प्रमाण भेजकर सदाकांत शुक्ला को हनुमान सेतु मंदिर, बाबा नीम करौरीजी महाराज आश्रम और श्री संकट मोचन हनुमानजी मंदिर ट्रस्ट जैसे पवित्र संस्थानों से निकाल फेंकने की मांग करने जा रही हैं.
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