Friday, October 9, 2015

लखनऊ में आरटीआई रत्न की हत्या के खिलाफ धरना 12 अक्टूबर से

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लखनऊ में आरटीआई रत्न की हत्या के खिलाफ धरना 12 अक्टूबर से

लखनऊ, 10 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश में बहराइच निवासी और 'आरटीआई रत्न 2015' से सम्मानित गुरु प्रसाद की निर्मम हत्या के बाद उनके परिवार ने न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद भी न्याय न मिलने से निराश होकर अब प्रदेश की राजधानी आकर अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने का फैसला किया है।

गुरु प्रसाद का परिवार बहराइच से लखनऊ आकर 12 अक्टूबर से जीपीओ के पास स्थित महात्मा गांधी पार्क परिसर में अपनी मांगों के पूरा होने तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेगा और अपने हक की आवाज बुलंद करेगा। गुरु प्रसाद के परिवार के इस धरने को लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान समेत अनेक संगठनों ने समर्थन देने की घोषणा की है।

संस्थान की सचिव और सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की घटनाओं ने पूरे देश को उद्देलित कर दिया है और अब यह मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। उर्वशी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दिल्ली समेत कई राज्यों के सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने गुरु प्रसाद के परिवार को पूर्ण न्याय दिलाने की इस मुहिम को अपना समर्थन देने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि जून माह में बहराइच जिले के हरदीगौरा ग्राम के प्रधान और उसके साथियों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद की पीट-पीट कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। इससे कुछ माह पहले ही बीते 18 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार में गुरु प्रसाद को उनके सामाजिक योगदानों के लिए 'विष्णु दत्त मिश्रा मेमोरियल आरटीआई रत्न सम्मान 2015' से सम्मानित किया गया था। इस कार्यक्रम में आये गुरुप्रसाद ने उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयोग को आरटीआई कार्यकर्ताओं के जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था।

गुरु प्रसाद का कहना था कि सूचना आयुक्तों द्वारा लोकसेवकों से दुरभि संधि स्थापित कर सूचना दिलाने में जानबूझकर देरी की जाती है। इस कारण प्रभावित लोकसेवकों को आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।

आरटीआई सम्मान समारोह में गुरुप्रसाद ने बताया था कि एक ग्राम प्रधान की अनियमितता उजागर कर उसको जेल भिजवा देने और अन्य अनियमितताएं उजागर करने की वजह से उनका अपहरण कर मारा-पीटा गया था, लेकिन आयोग के समक्ष ये सभी तथ्य रखने पर भी आयोग की कार्यप्रणाली जस की तस थी और उनके जीवन को खतरा बढ़ता जा रहा था।

उर्वशी ने बताया कि कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ता 12 अक्टूबर से होने वाले इस धरने को अपना समर्थन देंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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