लखनऊ / शुक्रवार, 3 मई 2024 ..............
जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री देश और प्रदेश के छात्रों गौर युवाओं को रोजगार की गारंटी देने की बात जोर-शोर से कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ योगी की नाक के नीचे सचिवालय और निदेशालय में बैठे समाज कल्याण के भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी निजी स्वार्थसिद्धि के लिए प्रदेश के नौनिहालों के साथ धोखाधड़ी करने और उनके भविष्य को जानबूझकर बर्बाद करने का गैरकानूनी काम सरकारी संगठित गैंग बनाकर उस समाज कल्याण विभाग में कर रहे जिस विभाग का मुख्य जिम्मा ही समाज का कल्याण करने का है.
मामला समाज कल्याण विभाग की कुल 253 अनुदान प्राप्त प्राविधिक एवं औधोगिक संस्थाओं तथा मान्यता प्राप्त प्राविधिक एवं औधोगिक संस्थाओं का है जिनके मार्फत लाखों छात्रों को निरंतर धोखे में रखकर उनके भविष्य को अंधे कुँए में धकेला जा रहा है.
लम्बे समय से इस मुद्दे को उठा रहीं राजधानी के राजाजीपुरम इलाके की निवासिनी समाजसेविका और पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप प्रभारी रह चुकीं उर्वशी शर्मा बताती है कि उनके प्रयासों के बाद समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश संख्या 1624/26-2-2021 लखनऊ दिनांक 12 अक्टूबर 2021 के माध्यम से विभाग की अनुदान प्राप्त प्राविधिक एवं औधोगिक संस्थाओं तथा मान्यता प्राप्त प्राविधिक एवं औधोगिक संस्थाओं द्वारा 30-06-2022 तक एन.सी.वी.टी. से मान्यता प्राप्त न कर पाने की स्थिति में विभाग द्वारा प्रदत्त मान्यता को शून्य मान लिए जाने के आदेश पारित किये गए थे और शासन के इस आदेश के अनुक्रम में निदेशालय समाज कल्याण उत्तर प्रदेश के तत्कालीन निदेशक राकेश कुमार ने अपने हस्ताक्षरों से कार्यालय ज्ञाप संख्या – सी – 1373 / सoकo / अनुo /औoप्राoशिoसंo / 2021-22 लखनऊ दिनांक 19 जनवरी 2022 जारी करके ऊपर वर्णित शासनादेश की शर्तों को पूरा नहीं करने वाली समाज कल्याण विभाग की मान्यता प्राप्त / अनुदानित संस्थाओं की मान्यता को दिनांक 30-06-2022 के उपरांत शून्य मान लिए जाने के आदेश पारित किये थे.
उर्वशी बताती हैं कि शासन और निदेशालय के इन कार्यालय ज्ञापों में ही यह स्पष्टतया अंकित है कि NCVT से मान्यता प्राप्त नहीं होने के कारण इन संस्थानों से प्राप्त ITI प्रमाणपत्र केन्द्रीय एवं प्रदेशीय सरकारी सेवाओं में सेवायोजन के लिए मान्य नहीं होने के कारण इन संस्थाओं से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत छात्र स्वयं को कुंठित और असहाय पाते हैं तथा ये संस्थाएं छात्रों हेतु लाभकारी अथवा उपयोगी सिद्ध नहीं हो रही हैं और इन संस्थाओं द्वारा बच्चों का भविष्य अंधकारमय रखकर उनके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
उर्वशी कहती हैं कि छात्रों के भविष्य की दृष्टि से ये दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि इसके पश्चात भी शासन और निदेशालय के कतिपय अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा शासन तथा निदेशालय के उपरोक्त कार्यालय ज्ञापों के खिलाफ जाकर छात्रों के साथ धोखा-धड़ी करके अवैध रूप से चल रही गैर एन.सी.वी.टी. मान्यता प्राप्त संस्थाओं की मान्यताओं को दिनांक 30-06-2022 से आगे एक वर्ष ( दिनांक 30-06-2023 ) तक विस्तारित करके के गैरकानूनी आदेश जारी किये गए और यही नहीं, शासन तथा निदेशालय के इन आदेशों के पश्चात इन संस्थाओं में नए प्रवेशों पर पूर्ण रोक लगाईं जानी चाहिए थी किन्तु ऐसा नहीं किया गया है और शासन और निदेशालय के कतिपय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इन गैर एन.सी.वी.टी. मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा छात्रों के साथ धोखा-धड़ी करके अवैध रूप से नए प्रवेश निरंतर जारी हैं और आर्थिक लाभ के दुरुद्देश्य से जान बूझकर देश के नौनिहालों के भविष्य को अंधे कुँए में धकेला जा रहा है.
उर्वशी बताती हैं कि उनको कतिपय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि शासन और निदेशालय के कतिपय अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति हेतु इन गैर एन.सी.वी.टी. मान्यता प्राप्त संस्थाओं से करोड़ों की घूस खाकर इन संस्थाओं की मान्यता को पुनः विस्तारित करके के गैरकानूनी आदेश शासन और निदेशालय स्तर से निकट भविष्य में पुनः जारी कराये जाने की साजिश की जा रही है.
उर्वशी बताती है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर मोदी-योगी की छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास करने के इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमन्त्री, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश,यूपी के राज्यपाल,मुख्यमंत्री, समाज कल्याण मंत्री, मुख्य सचिव समेत दर्जनों आला अधिकारियों को शिकायत भेजकर मामले की गहनता से जांच कराकर दोषियों को चिन्हित कराकर उनके विरुद्ध प्रशासनिक और विधिक कार्यवाही कराने के साथ साथ संस्थाओं द्वारा नए प्रवेश नहीं लिए जाने , संस्थाओं की मान्यताएं निरस्त करने और गैर एन.सी.वी.टी. मान्यता प्राप्त संस्थाओं के परिचालन से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उनके साथ निरंतर हो रही धोखा-धड़ी को रोकने के लिए संस्थाओं की मान्यताओं को किसी भी दशा में विस्तारित नहीं होने देने की मांग की है.
उर्वशी ने बताया कि वे शीघ्र ही सूबे के मुख्यमंत्री से मिलकर उनको इस मामले के प्रमाण सौंपकर समाज कल्याण की देश के नौनिहालों के साथ निरंतर की जा रही साजिश से व्यक्तिगत रूप से भी अवगत कराएंगी.